भारत और इज़राइल के रिश्ते: 2025 तक का सफर
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"भारत और इज़राइल के मजबूत और विविध सहयोग का प्रतीक, जिसमें रक्षा, कृषि, विज्ञान और व्यापार शामिल हैं।" |
क्या आप जानते हैं कि भारत और इज़राइल के रिश्ते आज सिर्फ रक्षा या तकनीक तक ही सीमित नहीं हैं?
असल में, 2025 तक ये रिश्ता कृषि, जल प्रबंधन, विज्ञान, पर्यटन और व्यापार तक फैल चुका है। चलिए, इस मजबूत साझेदारी की कहानी समझते हैं।
🕊️ ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: 1947-1992
भारत की स्वतंत्रता (1947) और इज़राइल की स्थापना (1948) के बाद दोनों देशों के बीच धीरे-धीरे संबंध विकसित हुए।
भारत ने 1950 में इज़राइल को अनौपचारिक रूप से मान्यता दी, लेकिन औपचारिक कूटनीतिक संबंध 1992 में ही बने।
इस बीच, दोनों देशों ने रक्षा, खुफिया और कृषि जैसे क्षेत्रों में गुप्त सहयोग बढ़ाया।
📈 1992 से 2025 तक: रिश्तों का विकास
1992 में कूटनीतिक संबंध स्थापित होने के बाद, साझेदारी में तेजी आई।
क्या आप जानते हैं? 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान इज़राइल ने भारत को महत्वपूर्ण सैन्य उपकरण और खुफिया जानकारी दी।
इससे दोनों देशों के रिश्ते और भी मजबूत हुए।
🤝 2025 तक प्रमुख सहयोग क्षेत्र
1. रक्षा और सुरक्षा
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"भारत और इज़राइल मिलकर रक्षा और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में काम कर रहे हैं, ड्रोन, मिसाइल और साइबर सुरक्षा पर सहयोग दिखाते हुए।" |
आज इज़राइल भारत का दूसरा सबसे बड़ा रक्षा आपूर्तिकर्ता बन चुका है।
दोनों देश मिसाइल सिस्टम, ड्रोन और साइबर सुरक्षा में मिलकर काम कर रहे हैं।
2008 के मुंबई हमलों के बाद, इज़राइल ने आतंकवाद विरोधी अभियानों में भारत की मदद की और संयुक्त सैन्य अभ्यास भी हुए।
2. कृषि और जल प्रबंधन
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"भारत और इज़राइल कृषि, व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान में सहयोग कर रहे हैं, जिसमें ड्रिप सिंचाई और नवाचार शामिल हैं।" |
इंडो-इज़राइली एग्रीकल्चरल प्रोजेक्ट (IIAP) के तहत भारत में कई कृषि उत्कृष्टता केंद्र खोले गए।
यहाँ किसानों को ड्रिप सिंचाई, फर्टिगेशन और जल पुनर्चक्रण जैसी आधुनिक तकनीकें सिखाई जाती हैं।
2025 तक इन केंद्रों की संख्या 30 से ज्यादा हो गई है।
3. विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार
इज़राइल और भारत वैज्ञानिक और इंजीनियरिंग परियोजनाओं में मिलकर काम कर रहे हैं।
खासकर जल प्रबंधन, सौर ऊर्जा और चिकित्सा उपकरण के क्षेत्र में।
नवाचार केंद्र दोनों देशों के शोधकर्ताओं को साझा परियोजनाओं पर काम करने का अवसर देते हैं।
4. व्यापार और निवेश
2025 तक, द्विपक्षीय व्यापार $6.53 बिलियन तक पहुँच गया।
दोनों देशों ने निवेश संरक्षण समझौते पर भी बातचीत शुरू कर दी है।
5. पर्यटन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान
इज़राइल से भारत आने वाले पर्यटक: 40,000+
भारत से इज़राइल जाने वाले पर्यटक: लगभग 30,000
सांस्कृतिक कार्यक्रम और कला महोत्सवों से दोनों देशों की दोस्ती और बढ़ी है।
⚠️ चुनौतियाँ और संवेदनशीलताएँ
हालांकि रिश्ते मजबूत हैं, कुछ चुनौतियाँ बनी हुई हैं:
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भारत का पारंपरिक समर्थन फिलिस्तीन के प्रति।
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मध्य-पूर्व नीति में संतुलन बनाना, खासकर ईरान और अरब देशों के साथ।
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आंतरिक राजनीति: कुछ दल इज़राइल के साथ रिश्तों पर पुनर्विचार चाहते हैं।
🔮 भविष्य की दिशा
भारत और इज़राइल का भविष्य उज्जवल दिखाई देता है।
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रक्षा, कृषि, विज्ञान और व्यापार में सहयोग बढ़ रहा है।
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2025 के अंत तक मुक्त व्यापार समझौते (FTA) की संभावना है, जो व्यापारिक संबंधों को और मजबूत करेगा।
निष्कर्ष
भारत और इज़राइल का रिश्ता अब मजबूत और विविध हो चुका है।
यह केवल रक्षा और तकनीक तक सीमित नहीं, बल्कि कृषि, जल प्रबंधन, विज्ञान, पर्यटन और व्यापार में भी फल-फूल रहा है।
कुछ चुनौतियाँ हैं, लेकिन दोनों देशों की साझेदारी का भविष्य उज्जवल है।
सोचिए, अगर देशों के बीच यह सहयोग जारी रहे, तो आने वाले वर्षों में नए नवाचार, विकास और दोस्ती के अवसर कितने बढ़ेंगे!
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