भारतीय शेयर बाजार में ट्रेडिंग समय और प्री-मार्केट का महत्व
![]() |
“Samay ka sahi istemaal hi safal trading ka raaz hai.” |
क्या आप जानते हैं कि शेयर बाजार में समय का सही चयन और रणनीति निवेश की सफलता में बड़ा रोल निभाती है?
असल में, सिर्फ शेयर खरीदना ही काफी नहीं है। आपको ट्रेडिंग समय और प्री-मार्केट सत्र को समझना बेहद जरूरी है।
1. भारतीय शेयर बाजार का ट्रेडिंग समय
भारतीय शेयर बाजार का ट्रेडिंग समय मुख्यतः तीन सत्रों में बांटा गया है:
1.1 प्री-मार्केट या प्री-ओपनिंग सत्र
![]() |
“9:00–9:15 AM: Pre-Market mein order lagao, opening price set hota hai.” |
प्री-मार्केट सत्र सुबह 9:00 बजे से 9:15 बजे तक चलता है। इस दौरान निवेशक अपने ऑर्डर लगा सकते हैं। इसे तीन हिस्सों में बांटा गया है:
-
9:00 – 9:08 बजे: इस समय आप शेयरों के लिए ऑर्डर लगा सकते हैं। जरूरत पड़ने पर ऑर्डर बदल या रद्द भी कर सकते हैं।
-
9:08 – 9:12 बजे: यहाँ शेयर का ओपनिंग प्राइस तय होता है। मल्टीलेट्रल ऑर्डर मैचिंग सिस्टम की मदद से यह सुनिश्चित किया जाता है कि प्राइस सही हो।
-
9:12 – 9:15 बजे: यह ट्रांजिशन पीरियड है। इस दौरान नए ऑर्डर नहीं लगाए जा सकते और पुराने रद्द नहीं किए जा सकते।
1.2 सामान्य ट्रेडिंग सत्र
![]() |
“Pre-Market: Tayaari • Normal Trading: Mool Khel • Post-Close: Next Day Orders” |
सामान्य ट्रेडिंग सुबह 9:15 बजे से शाम 3:30 बजे तक चलता है।
इस सत्र में शेयर की कीमत मांग और आपूर्ति पर निर्भर करती है। इसलिए इस दौरान बाजार में उतार-चढ़ाव ज्यादा होता है।
1.3 पोस्ट-क्लोजिंग सत्र
शेयर बाजार का क्लोजिंग समय शाम 3:30 बजे है। लेकिन उसके बाद भी कुछ गतिविधियाँ होती हैं:
-
3:30 – 3:40 बजे: इस दौरान सिक्योरिटी की कीमत का औसत निकाला जाता है। यह अगले दिन के ट्रेडिंग प्राइस को प्रभावित करता है।
-
3:40 – 4:00 बजे: निवेशक अगले दिन के लिए ऑर्डर प्लेस कर सकते हैं। अगर बाजार में पर्याप्त खरीदार और विक्रेता हों, तो ऑर्डर पूरी कीमत पर पूरे होते हैं।
2. प्री-मार्केट ट्रेडिंग का महत्व
प्री-मार्केट ट्रेडिंग निवेशकों के लिए कई फायदे देती है:
-
ओपनिंग प्राइस का निर्धारण: ऑर्डर लगाने से स्टॉक का सही ओपनिंग प्राइस तय होता है।
-
मूल्य अस्थिरता कम करना: मल्टीलेट्रल ऑर्डर मैचिंग सिस्टम अचानक उतार-चढ़ाव को नियंत्रित करता है।
-
निवेशकों की तैयारी: आप प्री-मार्केट में ऑर्डर लगाकर दिन की ट्रेडिंग के लिए तैयारी कर सकते हैं।
-
बाजार का मूड समझना: प्री-मार्केट से पता चलता है कि खरीददार ज्यादा हैं या विक्रेता। यह अगले ट्रेडिंग दिन की दिशा तय करता है।
3. निवेशकों के लिए टिप्स
-
प्री-मार्केट और सामान्य ट्रेडिंग समय का सही ज्ञान होना जरूरी है।
-
ऑर्डर लगाने से पहले कंपनी या शेयर से जुड़ी खबरें और वित्तीय रिपोर्ट जरूर देखें।
-
याद रखें, प्री-मार्केट में ऊँची मांग होने पर शेयर की कीमत तेजी से बढ़ सकती है, और कम मांग होने पर गिर सकती है।
-
हमेशा जोखिम प्रबंधन को ध्यान में रखें।
4. निष्कर्ष
भारतीय शेयर बाजार का ट्रेडिंग समय और प्री-मार्केट सत्र निवेशकों के लिए रणनीति तय करने में अहम है।
प्री-मार्केट ट्रेडिंग आपको बाजार की दिशा और शेयर की कीमत के पूर्वानुमान का अवसर देती है।
💡 याद रखें: सफल निवेशक वही है जो न केवल शेयर चुनता है, बल्कि समय और रणनीति का भी सही उपयोग करता है।
0 टिप्पणियाँ